बुद्धि के सिद्धांत के बारे में मुख्य जानकारी Principles of intelligence

Safalta experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 11 Sep 2021 03:02 PM IST

बुद्धि के सिद्धांत हमें बुद्धि की संरचना का ज्ञान कराते है। बुद्धि की संरचना के द्वारा हमें यह मालूम होता है कि बुद्धि किन किन तत्वों या घटकों से मिलकर बनी है। इन घटकों की संख्या, क्रम तथा शक्ति विभिन्न विद्वानों ने अलग अलग बताई है। घटकों या खंडो के आधार पर बुद्धि के निम्नांकित सिद्धांत है - साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

Source: Centre For Educational Neuroscience



1) एक तत्व सिद्धांत 
2) द्वि तत्व सिद्धांत
3) बहु तत्व सिद्धांत
4) संघ सतात्मक सिद्धांत
5) बहु मानसिक योग्यता का सिद्धांत
6) क्रमिक महत्व का सिद्धांत
7) त्रियामी बुद्धि का सिद्धांत 

Safalta App पर फ्री मॉक-टेस्ट Join Now  के साथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें।

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes



1) एक तत्व सिद्धांत : इस सिद्धांत का प्रतिपादन अल्फ्रेड बिने ने किया। बाद में अमेरिका मनोवैज्ञानिक टरमन एवं स्टर्न तथा जर्मन मनोवैज्ञानिक एबिंहास ने इसका समर्थन किया। इस विचारधारा के अनुयायियों के अनुसार बुद्धि को समस्त मानसिक  कार्यों को प्रभावित करने वाली शक्ति माना जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि एक ऐसी केंद्रीय शक्ति है, जो हमारी सभी मानसिक क्रियाओं का संचालन करती है। यदि कोई व्यक्ति किसी एक काम को बहुत अच्छी प्रकार से करता है, तो वह दूसरा काम भी उतनी अच्छी प्रकार से कर सकेगा । परंतु यह सिद्धांत सर्वमान्य नही हो गया।
 
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें

2) द्वि तत्व सिद्धांत : इग्लैंड के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्पीयमैन ने द्वि तत्व सिद्धांत का निर्माण किया है। इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि दो तत्वों से मिलकर बनी है। एक सामान्य तत्व (G) तथा दूसरा विशेष तत्व (S) । सामान्य तत्व सभी बुद्धिमान लोगों में समान रूप से होता है। किन्तु विशेष तत्व भिन्न भिन्न व्यक्तियों में कम या अधिक मात्रा में होता है। एक गणितज्ञ में विशेष प्रकार की गणित की बुद्धि होती है। इसके अतिरिक्त उसमें सामान्य बुद्धि  भी होती है। स्पीयमैन  के मतानुसार सामान्य तत्व का तो एक में दूसरे विषय में संक्रमण हो जाता हैं, परंतु विशेष तत्व का नहीं । वही बालक आगे जाकर जीवन में सफल होते हैं, जिनमें सामान्य तत्व पाया जाता है। स्पीयमैन ने बुद्धि के इस तत्व 'G' को मानसिक शक्ति माना है।

3) बहु तत्व सिद्धांत : इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि विभिन्न कारकों का मिश्रण है, जिसमें कई योग्यताएं निहित होती है। किसी भी मानसिक कार्य में विभिन्न कारक मिलकर , एक साथ कार्य करते हैं। थार्नडाइक न बुद्धि के सामान्य कारकों की घोर आलोचना की। उन्होंने मानसिक योग्यताओं की व्याख्या में मूल कारकों एवं सामान्य कारकों का उल्लेख किया। उनके अनुसार विभिन्न मूल मानसिक योग्यताएं जैसे - आंकिक योग्यता, शाब्दिक योग्यता आदि व्यक्ति के समस्त मानसिक कार्यों को प्रभावित करती है।

4) संघ सतात्मक सिद्धांत : इस सिद्धांत के समर्थक स्कॉटलैंड के विख्यात मनोवैज्ञानिक गाॅउफ्रे थामसन हैं। इनके विचारानुसार मनुष्य की बुद्धि कई प्रकार की योग्यताओं से मिलकर बनती है। इन योग्यताओं में आपस में समानता होती है। भिन्न भिन्न समूहों की योग्यताओं में आपस में समानता नहीं रहती है। उदाहरणार्थ साहित्यिक समूह के अंतर्गत कविता , कहानी , निबंध इत्यादि में परस्पर संबंध रहेगा । परंतु इन विषयों का विज्ञान के समूह के साथ कोई संबंध नहीं रहेगा । 

5) बहु मानसिक योग्यता का सिद्धांत : फैली ने अपने ग्रंथ एजुकेशन साइकोलॉजी में बुद्धि निर्माण हेतु अधोलिखित नौ योग्यताओं का उल्लेख किया है -
1) सामाजिक योग्यता
2) यांत्रिक योग्यता
3) शाब्दिक योग्यता
4) सांख्यिकी योग्यता
5) रुचि 
6) शारीरिक क्षमता
7) क्रियात्मक योग्यता 
8) संगीतात्मक योग्यता 
9) प्रक्षेपण योग्यता

6) क्रमिक महत्व का सिद्धांत : प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक बर्ट तथा वर्नन ने बुद्धि संबंधी जिस नए सिद्धांत का प्रतिपादन किया है , उसके अनुसार मानसिक योग्यताओं को भिन्न भिन्न स्तर प्रदान किए गए हैं -
प्रथम स्तर : सामान्य मानसिक योग्यता संबंधी है।
द्वितीय स्तर : सामान्य मानसिक योग्यता के दो प्रकार यथा 
क) क्रियात्मक , यांत्रिक , स्थानिक तथा शारीरिक योग्यता 
ख) शाब्दिक , सांख्यिक तथा शैक्षिक योग्यता है।
तृतीय स्तर : इन दोनों वर्गों की योग्यताओं का अनेक मानसिक योग्यताओं में विभाजन करना। 

7) बुद्धि का त्रियामी सिद्धांत या गिलफोर्ड का सिद्धांत: बुद्धि की संरचना प्रतिमान का प्रतिपादन गिलफॉर्ड और उनके साथियों ने दक्षिण कैलिफोर्निया की लॉस एंजिलिस स्थित मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला में विभिन्न परीक्षणों के तत्व विश्लेषणों के आधार पर किया था। बुद्धि की संरचना के प्रतिमान के विचारों को अनेक परीक्षणों के तत्व विश्लेषण के आधार पर 1950 में सूत्रित किया गया और बाद में इसे सफलतापूर्वक परिष्कृत और संशोधित किया गया । गिलफोर्ड का मत है कि मन की संरचना कम से कम तीन आयामों द्वारा हुई है। न कि बुद्धि के बहुआयामी  प्रतिमान द्वारा । प्रतिमान बौद्धिक योग्यताओं का त्रिमार्गीय वर्गीकरण है -  जैसे 1) सांक्रियाए 2) विषयवस्तु और 3) उत्पाद । गिलफोर्ड के अनुसार प्रत्येक बौद्धिक आयाम भिन्नता लिए हुए है। जिनकी निशानदेही तत्व विश्लेषण द्वारा संभव है। वर्तमान समय में स्पष्ट हुआ है कि आपस में समानता रखने के कारण बुद्धि के तीनों आयामों का वर्गीकरण संभव है।

Related Article

UPPPSC PCS Postponed: यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा स्थगित; 'एक दिन, एक पाली' की मांग पर लगी मुहर

Read More

SBI Assistant Manager exam date out now, Check the vacancies and latest update here

Read More

RSMSSB: जूनियर इंस्ट्रक्टर परीक्षा के लिए जारी हुआ प्रवेश पत्र, एग्जाम के दिन ले जाना न भूलें ये दस्तावज

Read More

UPSC IFS Main 2024 admit card released, Check the exam schedule and steps to download hall ticket here

Read More

India Post GDS: इंडिया पोस्ट ने जारी की जीडीएस भर्ती की चौथी मेरिट सूची, ऐसे देखें लिस्ट में अपना नाम

Read More

NABARD Office Attendant Admit Card 2024 out at nabard.org, Read the steps to download hall ticket here

Read More

NABARD: नाबार्ड ने ऑफिस अटेंडेंट पद के लिए जारी किए प्रवेश पत्र, 21 नवंबर को होगा एग्जाम; देखें परीक्षा पैटर्न

Read More

GATE 2025: गेट परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम जारी, यहां देखें कब होगा कौन से विषय का एग्जाम

Read More

SSC JE 2024 Tier 2: 1,765 पदों के लिए जारी हुई जेई टियर-2 की उत्तर कुंजी, चयनित अभ्यर्थियों इतना मिलेगा वेतन

Read More