भारत के संविधान में 12 शेड्यूल्स है, पहली बार शेड्यूल 1935 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के तहत बनाया गया था। 1935 में भारतीय गवर्नमेंट एक्ट के तहत 10 शेड्यूल को शामिल किया गया था, लेकिन 1949 में केवल 8 शेड्यूल को ही लागू किया गया था। जिसके बाद से समय दर समय भारतीय संविधान में चार नए शिर्डी उनको अमेंडमेंट के जरिए शामिल किया गया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भी माना जाता है। अगर हम बात करें दुनिया के सबसे पुराने संविधान की तो इस सूची में अमेरिका का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश है। अगर आप अपनी स्कूली शिक्षा में है या तो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं आपके लिए भारतीय संविधान से जुड़े तथ्यों के बारे में जानना बहुत जरूरी है क्योंकि अक्सर परीक्षाओं में और कई जगह पर आपको इन विषयों से जुड़े टॉपिक के सवाल का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं भारत के संविधान के सभी 12 अनुसूचियां (Schedules) के बारे में-
Source: safalta
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भारतीय संविधान की अनुसूचियां (Schedules of the Indian Constitution)
- संविधान लागू होने के समय संघ सूची में 97 विषय थे, अब 98 विषय हैं, राज्य सूची में 66 से 62 तथा समवर्ती सूची में 47 से 52 विषय हो गए हैं। समवर्ती सूची का प्रावधान जम्मू कश्मीर राज्य में नहीं हैं।
- मूलरूप से 8वीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं। बाद में 8 भाषाएं और जोड़ी गई।
- नौवीं अनुसूची प्रथम संविधान अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ी गई है जिसमें राज्य द्वारा संपत्ति अधिग्रहण के उपबंधों का उल्लेख है, इसमें कुल 284 अधिनियम हैं।
- 69वें संविधान संशोधन द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा दिया गया है।
- 8वीं अनुसूची में शामिल नई भाषाएं-
1967 सिंधी |
1992 कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली |
2004 मैथिली, संथाली, डोगरी, बोडो |
अनुसूचियां और उनसे संबंधित विषय
- पहली अनुसूची: राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्रों का वर्णन किया गया है।
- दूसरी अनुसूची: मुख्य पदाधिकारी के वेतन एवं भत्ते, जैसे राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा तथा विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष; राज्य सभा तथा विधानरिषद के सभापति तथा, उच्चतम तथा न्यायालयों के न्यायाधीशों, भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के वेतन भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है।
- तीसरी अनुसूची: व्यवस्थापिका के सदस्य, जैसे मंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के लिए शपथ का उल्लेख किया गया है।
- चौथी अनुसूची: राज्यसभा में स्थानों का आवंटन का राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों से किए जाने का उल्लेख है।
- पांचवीं अनुसूची: इसमें अनुसूचित जाति और जनजातियों के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उल्लेख हैं।
- छठी अनुसूची: इसमें असम, नेपाल, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के विषय में जानकारी दी गई है।
- सातवीं अनुसूची: इसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति विभाजन के लिए तीन सूचियों संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची का वर्णन किया गया है।
- आठवीं अनुसूची: इसमें वर्तमान में 22भाषाओं का उल्लेख किया गया हैं।
- नौवीं अनुसूची: इसमें न्यायिक समीक्षा प्रतिरोधी प्रावधान, भूमि सुधार संबंधी एक्ट का उल्लेख किया गया है।
- दसवीं अनुसूची: इसमें दल बदल संबंधी प्रावधानों का उल्लेख किया गया हैं।
- ग्यारहवीं अनुसूची: इसमें पंचायत अधिनियम का वर्णन किया गया है।
- बारहवीं अनुसूची: इसमें नगरपालिकाओं की शक्तियां प्राधिकार और उत्तरदायित्व के बारे में उपबंध है।