Jallianwala Bagh Massacre: जाने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के बारे में

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Fri, 16 Jun 2023 01:03 PM IST

13 अप्रैल 1919 की तारीख को भारत के इतिहास का एक काला दिन कह सकते हैं. इस दिन हिन्दुस्तान में एक ऐसी घटना हुयी थी जिसके बारे में मात्र सुन कर हीं किसी की भी रूह तक काँप जाए. उस घटना का नाम था - जालियांवाला बाग़ हत्याकांड. हालाँकि अब इस घटना को हुए 102 वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन उस दिन यानि 13 अप्रैल 1919 को चली गोलियों के निशान आज भी ना सिर्फ इस बाग़ की दीवारों पर बल्कि हर हिन्दुस्तानी के दिलों पर भी मौजूद हैं. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.
April Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW  

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


पृष्ठभूमि –

1919 में इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के द्वारा एक विधान सभा अधिनियम पारित किया गया जिसका नाम था 1919 का अराजक और क्रन्तिकारी अपराध अधिनियम. इसी अधिनियम को हमलोग रॉलेट एक्ट के नाम से जानते हैं. 1919 के अधिनियम ने ब्रिटिश सरकार को आतंकवादी गतिविधियों के संदिग्ध किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए अधिकृत कर दिया. रॉलेट एक्ट के अंतर्गत सरकार सिर्फ शक की बिनाह पर लोगों को बिना मुकदमे 2 साल तक हिरासत में रख सकती थी. इसने पुलिस को बिना वारंट के किसी स्थान की तलाशी लेने का भी अधिकार दिया. जाहिर सी बात है कि इस अधिनियम के कारण भारत की जनता में आक्रोश होगा जिसके कारण इसका विरोध भी शुरू हो गया और ब्रिटिशों ने भी रॉलेट एक्ट के अंतर्गत लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया.

बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ

कारण –

9 अप्रैल (कुछ स्रोतों के अनुसार 10 अप्रैल) को रॉलेट एक्ट का विरोध करने के आरोप में पंजाब के दो काफी लोकप्रिय नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद ब्रिटिशों ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में मार्शल लॉ लगाना शुरू कर दिया. 13 अप्रैल को पंजाब के गवर्नर माइकल ओ‘डायर ने अमृतसर में मार्शल लॉ लगा दिया जिसके अंतर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर दो से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते थे. ऐसा जनता के विद्रोह को दबाने के लिए किया गया था. इधर इस बात से अनभिज्ञ पंजाब के लोग अपने दो अत्यंत लोकप्रिय नेताओं की गिरफ़्तारी हो जाने के कारण 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर के जालियाँवाला बाग में एक विशाल सभा का आयोजन करने की तैयारी कर चुके थे जिसमें वो शांतिपूर्ण बैठक करने वाले थे और अपने नेताओं की रिहाई का अनुरोध करने वाले थे. सुबह से हीं जलियाँवाला बाग़ में भीड़ इकठ्ठी होने लगी. देखते हीं देखते करीब 10,000 पुरुष, महिलाएं और बच्चे वहां जमा हो गए. इसकी जानकारी मिलने पर माइकल ओ’डायर ने इसे अपनी आदेश की अवहेलना माना और जनरल डायर को आदेश दिया कि वह अपने 150 सैनिकों के साथ सभास्थल पहुंचे और भीड़ पर गोलियां चलवा दे. वहां पहुँच कर जनरल डायर ने बाग से बहार निकलने के एकमात्र तंग रास्ते को अपने सिपाही तैनात कर के बंद कर दिया और बिना किसी चेतावनी के सैनिकों को निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलने का आदेश दे दिया. कुल 1650 राउंड गोलियां चलीं, निहत्थी आतंकित भीड़ अपनी जान बचने को इधर-उधर भागती रही लेकिन बाहर निकालने का रास्ता तो पहले से हीं बंद था. बाग के मध्य में एक कुआं था, कोई उपाय न देखकर लोग अपनी जान बचने के लिए उसी कुएं में कूदने लगे. लोग गोलियां लगने से मरे, कुछ भगदड़ में कुचलकर मरे और कुछ कुएं में कूदकर. इस नरसंहार के बाद अकेले उस कुएं से करीब 120 शव निकाले गए थे, भगदड़ में कुचलकर मारे जाने वालों में ढाई साल के बच्चे भी शामिल थे. वास्तव में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुयी थी लेकिन ब्रिटिश सरकार ने यह आंकड़ा केवल 379 हीं माना.   

 सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now

परिणाम –

इस घटना की जानकारी मिलने के साथ हीं पूरे भारत के लोगों में ब्रिटिशों के खिलाफ आक्रोश भर गया. रविंद्रनाथ टैगोर और जमुनालाल बजाज ने अंग्रेजों द्वारा दी गयी अपनी ‘नाईटहुड’ की उपाधि को त्याग दिया. महात्मा गाँधी को बोअर युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि दी थी, गाँधी जी ने भी अपनी उपाधि वापस कर दी.

हंटर आयोग का गठन –

पूरे भारत से विरोध और निंदा के बाद ब्रिटिश सरकार ने 14 अक्टूबर 1919 को जालियाँवाला बाग़ हत्याकांड की जांच करने के लिए हंटर आयोग का गठन किया था, जिसमें पांच ब्रिटिश और तीन भारतीय शामिल थे. इस आयोग ने 1920 में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें सर्वसम्मति से डायर के कृत्यों की निंदा की गयी और उसे अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया. हालाँकि डायर पर कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गयी थी और लन्दन जाने के बाद उसे सम्मानित भी किया गया था. 

जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम

उधम सिंह –

जब भी जालियाँवाला हत्याकांड का जिक्र होता है सरदार उधम सिंह का नाम भी स्वतः हीं सबकी जुबान पर आ जाता है. जालियाँवाला बाग हत्याकांड के लिए उधम सिंह, माइकल ओ’डायर (जो पंजाब के गवर्नर थे और जिन्होंने जनरल डायर को गोलियां चलने का निर्देश दिया था) को जिम्मेदार मानते थे और जालियाँवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए उधम सिंह ने लन्दन जाकर माइकल ओ’डायर की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
 

Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now

Hindi Vyakaran E-Book-Download Now

Polity E-Book-Download Now

Sports E-book-Download Now

Science E-book-Download Now

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड कब और कहाँ हुआ था ? (When and where did the Jallianwala Bagh massacre take place?)

13 अप्रैल 1919 को अमृतसर पंजाब में.

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड का कारण क्या था ? (What was the reason for Jallianwala Bagh massacre?)

डॉक्टर सत्यपाल और डॉक्टर सैफुद्दीन किचलू की रौलेट एक्ट के तहत गिरफ़्तारी.

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड की जाँच के लिए किस कमिटी का गठन किया गया था ? (Which committee was formed to investigate the Jallianwala Bagh massacre?)

हंटर आयोग का.

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के विरोध में किस ने अपनी नाईटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया ? (Who renounced his knighthood in protest against the Jallianwala Bagh massacre?)

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने.

गाँधी जी ने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के विरोध में अपनी कौन सी उपाधि वापस कर दी थी. (Which title did Gandhiji return in protest against the Jallianwala Bagh massacre?)

महात्मा गाँधी को बोअर युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि दी थी, जिसे गाँधी जी ने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था.

Related Article

IDBI JAM, AAO Recruitment 2024 Registration begins for JAM/AAO posts, Apply for 600 posts here

Read More

IDBI Bank Recruitment 2024: आईडीबीआई में जेएएम और एएओ के लिए निकली भर्ती, जानें कौन कर सकता है आवेदन

Read More

CAT 2024 Tomorrow: Exam day guidelines, timings, do's and don'ts; Check the list of prohibited items here

Read More

CBSE Single Girl Child Scholarship 2024 Registration window open now, Check the eligibility criteria and more

Read More

UP Police Constable Result 2024: Candidates demand raw scores, question transparency; Check the latest update

Read More

UP Police Result: यूपी पुलिस भर्ती के अभ्यर्थी कर रहे अंक जारी करने की मांग, बोर्ड ने दी प्रतिक्रिया

Read More

RRB ALP Admit Card: 25 नवंबर की एएलपी भर्ती परीक्षा के लिए जारी हुआ प्रवेश पत्र, जानें डाउनलोड करने का तरीका

Read More

CHSE Odisha Class 12 date sheet 2025 out now; Check the exam schedule here

Read More

CBSE Date Sheet 2025: सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं की डेटशीट हुई जारी, यहां देखें पूरा शेड्यूल

Read More