बुद्धि मापन के बारे में मुख्य जानकारी भाग - 2 Measure of intelligence Part 2

Safalta experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 11 Sep 2021 02:59 PM IST

Source: 4C Medical Group

 एल्फ्रेड बिने के परीक्षण : बुद्धि परीक्षण की दिशा में  सबसे पहला और ठोस कदम फ्रांस के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक एल्फ्रेड बिने ने उठाया । एल्फ्रेड बिने पाठशाला में पढ़ने वाले बालकों की मनोवैज्ञानिक क्रियाओं पर अनुसंधान कर रहे थे।
इन अनुसंधान के बीच उन्होंने देखा कि अल्प बुद्धि बालको को उपयोगी शिक्षा देने के लिए उनको विशेष कक्षाओं में रख कर उनकी योग्यता के अनुकूल शिक्षा  देनी आवश्यक है। इस विषय में अध्यन करने के लिए बिने कि अध्यक्षता में सन 1904 में एक जांच समिति बनाई गई । अल्प बुद्धि बालकों के विषय में जांच करने के लिए इस समिति के सामने सबसे पहले एक ऐसे मानदंड की आवश्यकता उत्पन्न हुई जिससे बालकों की बुद्धि की जांच की जा सके। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

बिने ने स्मृति, तर्कना , निर्णय , गणितीय तर्क  जैसे जटिल मानसिक कार्यों के मापन हेतु परीक्षण बनाए। बिने एवं साइमन ने इसके अतिरिक्त परीक्षण पदों को एक नवीन रूप में क्रमबद्ध किया जो कि व्यवहारिक दृष्टि से उपयोगी पाया गया। सन 1905 में बिने साइमन स्केल में 30 परीक्षण पदों को कठिनता स्तर के आधार पर क्रमवार किया गया - 
1) दृष्टि समन्वय 
2) भोजन की पहचान
3) तस्वीर में दी गई वस्तुओं की पहचान 
4) परिचित वस्तुओं की परिभाषा।
 
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सन 1908 की बिनेट साइमन स्केल : सन 1905 में  बिने साइमन स्केल की कमियों को दूर कर एक नया स्केल 1908 में विकसित किया गया। 3 से 13 वर्ष तक के बालकों के लिए परीक्षण पदों को आयु के अनुसार क्रमबद्ध किया गया। इस बुद्धि मापनी में 59 पदों को सम्मिलित किया गया था। यह सर्वप्रथम परीक्षण था। जिसका मानकीकरण  विभिन्न आयु  समूहों के विशाल प्रतिदर्श पर किया गया।

सन 1911 संशोधित बिने साइमन मापनी : अमेरिका , इंग्लैंड व स्विट्जरलैंड के मनोवैज्ञानिकों ने सन 1908 की संशिधित मापनी का उपयोग करने के साथ ही उसमें संशोधन किया ।सन 1908 को विकसित की गई मापनी को निम्न  आयु स्तर के लिए अत्यधिक सरल व उच्च आयु स्तर के बालकों के लिए अधिक कठिन पाया गया। इसलिए 8 से 10 वर्ष के बालकों के लिए विभिन्न पदों को बनाया गया।  बिने के परीक्षण की फलांकन पद्धति में सुधार किया, जिसमें मानसिक आयु के निर्धारण में व्यक्ति की वास्तविक आयु को भी स्थान मिल सके।

बिने स्केल का स्टेनफोर्ड संशोधन : सन 1916 में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के टरमन ने अमेरिका की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए बिने साइमन स्केल का संशोधन किया। स्टर्न ने बुद्धिलब्थि गुणांक (I.Q) का नया प्रत्यय दिया। टरमान एवं उनके सहयोगियों ने सामान्य , श्रेष्ठ एवं मंद बुद्धि के बालकों पर वर्षों तक अध्ययन किए। 1916 के परीक्षण में 90 पद हैं। जिनके द्वारा 3 से 14 वर्ष तक के बालकों की बुद्धि स्तर का मापन किया जाता है। कुछ वर्षो तक इसका प्रयोग करने पर उच्च आयु स्तर पर एवं निम्न आयु स्तर पर स्केल में कमियां पाई गई। यह परीक्षण 16 से 64 वर्ष के व्यक्तियों के लिए निर्मित किया गया। इस परीक्षण के दो भाग बनाए गए - 
अ) शाब्दिक परीक्षण 
ब) निष्पादन परीक्षण 

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अ) शाब्दिक परीक्षण में निम्न प्रकार के परीक्षण पदों को सम्मिलित किया गया - 

1) शब्द भंडार 
2) सूचनाएं 
3) अंकगणित
4) अंक विस्तार 
ब) निष्पादन परीक्षण या अशाब्दिक परीक्षण में निम्न पदों को सम्मिलित किया गया - 
1) ब्लॉक डिजाइन 
2) चित्र पूर्ति
3) चित्र व्यवस्था
4) मेज
5) वस्तुओं को जोड़ना।