(A) असहयोग आंदोलन
(B) भू-दान आंदोलन
(C) नर्मदा बचाओ आंदोलन
(D) चिपको आंदोलन
Ans. (B)
व्याख्याः इस आंदोलन को विनोबा भावे ने शुरु किया, इस भूदान-ग्रामदान आंदोलन को ‘रक्तहीन क्रांति’ नाम दिया गया।
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2. कपास की कृषि के लिये कौनसी मृदा सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है?
(A) काली मृदा
(B) लाल-पीली मृदा
(C) लैटेराइट मृदा
(D) जलोढ़ मृदा
Ans. (A)
व्याख्याः कपास एक खरीफ की फसल है और इसे तैयार होने में 6 से 8 महीने लगते हैं। दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिये उपयुक्त मानी जाती है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु पंजाब और हरियाणा कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
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3. मोटे अनाज (Millets) के संबंध में कौन-सा कथन गलत है?
(A) ज्वार, बाजरा और रागी प्रमुख मोटे अनाज हैं।
(B) ये फसलें अधिकतर शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।
(C) महाराष्ट्र राज्य इस फसल का सबसे बड़ा उत्पादक है।
(D) इन अनाजों में पोषक तत्त्वों की मात्रा अत्यधिक होती है।
Ans. (B)
व्याख्याः मोटे अनाज अधिकतर आर्द्र क्षेत्रों में उगाए जाते हैं, इनके लिये सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाने वाले प्रमुख मोटे अनाज हैं। यद्यपि इन्हें मोटे अनाज कहा जाता है परन्तु इनमें पोषक तत्त्वों की मात्रा अत्यधिक होती है।
Source: NCERT Geog
उदाहरण, रागी में प्रचुर मात्रा में लोहा, कैल्शियम, सूक्ष्म पोषक और भूसी मिलती है।4. भारत में शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा किन फसलों के अधिक उत्पादन में सहायक होती है?
(A) खरीफ और जायद
(B) रबी और खरीफ
(C) केवल रबी
(D) केवल खरीफ
Ans. (C)
व्याख्याः रबी फसलों के अधिक उत्पादन में शीत ऋतु में शीतोष्ण पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा सहायक होती है।
5. निम्नलिखित में से कौन उस कृषि प्रणाली को दर्शाती है जिसमें एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?
(A) गहन कृषि
(B) स्थानांतरी कृषि
(C) बागवानी कृषि
(D) रोपण कृषि
Ans. (D)
व्याख्याः रोपण, एक प्रकार की वाणिज्यिक खेती है। इस प्रकार की खेती में लंबे-चौड़े क्षेत्र में एक ही फसल उगाई जाती है। रोपण कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है, जो अत्यधिक पूंजी और श्रमिकों की सहायता से की जाती है। इससे प्राप्त सारा उत्पादन उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है। भारत में कॉफी, चाय, रबड़, गन्ना, केला इत्यादि महत्त्वपूर्ण रोपण फसले हैं।