Daily Top Current Affairs: अगर आप भी किसी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इसमें हम आज आपके लिए लाए हैं राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर।
आपके प्रतियोगी परीक्षा के लिए लाभदायक हो सकता है।
इस लेख का एक मात्र उद्देश्य यह है कि इस लेख से ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों की सहायता करना है।
आज के प्रमुख करंट अफेयर के विषय में पढ़ने के लिए नीचे स्क्रोल कीजिए।
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का इतिहास और महत्व क्या है
Source: Safalta
बहुत सारे लोगों की कॉफी के बिना काम की शुरुआत नहीं होती है। ऐसी ही कॉफी के प्रति लोगों की पसंद, आदत और लत को देखते हुए 1 दिन को कॉफी के लिए समर्पित किया गया है। इसलिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1 अक्टूबर को कॉफी दिवस मनाया जाता है और इस दिन को मनाने के पीछे कॉफी से जुड़े किसानों की तकलीफ को पहचानना और उनकी सहायता करना है।आरबीआई ने लगातार चौथी बार बढ़ाया रेपो रेट, 50 बेसिक पॉइंट की हुई बढ़ोतरी
आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया है। आरबीआई रेपो रेट में 50 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी करते हुए रेपो रेट को 50 बेसिक पॉइंट बढ़ाते हुए रेपो रेट को 5.40 फिसदी से बढ़ाकर 5.90 परसेंट कर दिया है। आरबीआई के मौद्रिक नीति कमिटी के बाद गवर्नर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा कि है कि अब रेपो रेट में 50 बेसिक प्वाइंट और बढ़ाए जाएंगे। अब तक 5 महीने में 1.90 परसेंट की बढ़ोतरी रेपो रेट में हो चुकी है।
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का महत्व और इतिहास क्या है
दुनिया भर में 1 अक्टूबर को वृद्धजनों के सम्मान और उनकी देखभाल के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। भारत में बच्चों को बचपन से ही यह शिक्षा दी जाती है कि किसी भी हाल में बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए, हमेशा उनकी बात माननी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह बात इस अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के माध्यम से बताया जाता है कि हमें अपने आसपास मौजूद सभी बड़ों का सम्मान करना चाहिए। भारत में अपने से बड़ों को घर की नींव समझा जाता है और कहा जाता है कि किसी भी काम में उनके आशीर्वाद को सबसे बड़ा सहायक होता है, इसलिए आज भी भारत में बड़ों का सम्मान और आदर किया जाता है। पर भारत में भी धीरे-धीरे हालात काफी बदल रहे हैं, जिसमें कई मामले अक्सर सुनने को मिलते हैं जिसमें वृद्धजनों को अपनी संतानों द्वारा मुश्किलें, परेशानियों को झेलते हुए देखा गया है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के माध्यम से बुजुर्गों को सम्मान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अभियान चलाया जाता है।