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जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो कई बार आपको गूगल में दो तरह के सर्च रिजल्ट दिखाई देते हैं,
एक जिसे ऑर्गेनिक सर्च रिजल्ट कहा जाता है और दूसरा पेड सर्च रिजल्ट
ऑर्गेनिक सर्च रिजल्ट
ऐसी वेबसाइट जो बिना पैसे खर्च किए गूगल के एल्गोरिथ्म और एसईओ का इस्तेमाल कर के सर्च इंजन के सर्च इंजन रिजल्ट पेज में अपने आप रैंक हो जाते हैं, इन्हें ऑर्गेनिक रिजल्ट कहा जाता है। इनके लिए आपको किसी भी तरह का भुगतान नहीं करना होता है।
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पेड सर्च रिजल्ट
पेड सर्च रिजल्ट में आपको वेबसाइट के लिए पैसा देना होता है, ताकि आपकी वेबसाइट गूगल के टॉप पेज, बॉटम पेज या फिर नेक्स्ट पेज पर आ जाए और जब लोग आपके साइट के लिंक को पहले पेज पर देखें तो ज्यादा से ज्यादा उस पर क्लिक करें। ये पूरी तरह से आपके बजट और वेबसाइट क्वालिटी के ऊपर निर्भर करता है। जितना आप पैसा खर्च करेंगे उस हिसाब से आपके एडवर्टाइजमेंट सर्च इंजन के सर्च रिजल्ट पेज में दिखाई देगी।
पीपीसी मॉडल पेड सर्च रिजल्ट के अंतर्गत आता है, और पीपीसी विज्ञापन कई प्रकार के होते हैं, लेकिन इन सब में से पेड सर्च ऐड सबसे ज्यादा पॉपुलर है।
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पीपीसी मॉडल के फायदे
टारगेट ऑडियंस
आप पीपीसी मॉडल का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन को उसकी जरूरत वाले लोगों (अपने टारगेट ऑडियंस) को ही भेजते हैं, यहां मॉडल एल्गोरिदम की सहायता से आपके ऑडियंस को टारगेट करने के लिए की वर्ड्स, लोकेशन के साथ-साथ टाइम, और डिवाइस को चुनती है।
बजट फ्रेंडली
यह मॉडल पूरी तरह से आपके बजट के हिसाब से काम करती है, इसे आप कम बजट से लेकर हाई बजट तक के लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। जो भी अपने प्रोडक्ट या साइट को गूगल में रैंक करवाना चाहते हैं।
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गूगल एल्गोरिथ्म
पीपीसी मॉडल से गूगल एल्गोरिदम में बदलाव होने का कोई फर्क नहीं पड़ता आप जिस हिसाब से बजट तय करते हैं आपका ऐड उसी तरह से गूगल पर दिखाई देता है।
कम मेहनत
पीपीसी मॉडल में आपको मेहनत कम करनी पड़ती है क्योंकि इसमें सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन और अन्य गूगल एल्गोरिदम को फॉलो नहीं करना पड़ता है, लेकिन इसमें आपका पैसा खर्च होता है क्योंकि यह पेड मॉडल है। आपको इस मॉडल में कम मेहनत में ही अपनी साइट को गूगल के टॉप पेज पर रैंक करवा सकते हैं।
ट्रेडिशनल मार्केटिंग से किफायती
ट्रेडिशनल या ऑफलाइन मार्केटिंग में एडवर्टाइजमेंट में जितना अधिक पैसा खर्च होता है, उससे कई गुना कम पैसे और बजट में डिजिटल मार्केटिंग में खर्च करना होता है और इसके रिजल्ट भी आपको उससे काफी ज्यादा अच्छे मिलते हैं।